Friday 10 November 2017

जोशीमठ विकासखंड में कीवी की पैदावार उत्साहित करने वाली है। Now Kiwi is born in Uttarakhand उत्तरावणी के सौजन्य से


दुनिया मे सुपर फ्रुट के नाम से मशहूर न्यूजीलैंड के राष्ट्रीय फल कीवी का उत्पादन अब चमोली जिले के सीमांत विकासखंड जोशीमठ में भी हो रहा है। विकासखंड के पैनी व बड़ागांव में कीवी के उत्पादन से काश्तकारों की उम्मीदों को पंख लग रहे हैं।  
उद्यान निरीक्षक सोमेश भंडारी के मुताबिक सीमांत जोशीमठ विकासखंड में कीवी की पैदावार उत्साहित करने वाली है। अन्य किसानों को भी कीवी उगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। कीवी के फल की मांग बहुत है। खासकर यह पर्यटकों को खूब पसंद आ रहा है।
कीवी का पेड़ झाड़ीनुमा होता है। जिसमे कीवी लगता है यह पेड़ जोड़े (नर व मादा) में होते हैं। समुद्रतल से 600 से 1800 मीटर की ऊंचाई पर पैदा होने वाला कीवी औषधीय गुणों के साथ सभी प्रकार के पोषक तत्वों का भी भंडार है।
यह फल न्यूजीलैंड के अलावा चीन, फ्रांस, चिली, ब्राजील आदि देशों में भी प्रचुर मात्रा मे उगाया जाता है। अब इसकी खेती उत्तराखंड में चमोली जिले के सीमांत जोशीमठ प्रखंड में भी होने लगी है। प्रखंड के पैनी व बड़ागांव में कीवी की पैदावार ने किसानों के लिए संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। खासकर उस स्थिति में, जब जलवायु परिवर्तन के चलते निचले क्षेत्रों में सेब की पैदावार सिमट रही है।

कीवी फल के गुण
कीवी (एक्टीनिडिया डेलीसिओसा) बहुत ही गुणकारी फल है। सौ ग्राम के कीवी में 61 कैलोरी 14.66 ग्राम कॉर्बोहाइड्रेट और नींबू से दोगुना विटामिन-सी पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन-बी, प्रोटीन, एसिड, सोडियम, कैल्शियम, पोटेशियम सहित अन्य तत्व भी इसमें पाए जाते हैं।
पावर हाउस ऑफ एंटीऑक्सिडेंट कहा जाने वाला कीवी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है। गैस, पेट के रोग, खून की कमी व प्लेटलेट्स बढ़ाने में यह बहुत उपयोगी है। दुनिया मे इसकी 50 से अधिक वैरायटी पाई जाती हैं। औसतन 40 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान में पैदा होने वाले कीवी को कम से कम आठ महीने तक ठंड का वातावरण चाहिए।

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