Saturday 29 July 2017

"आस" बखरी और एक बच्चे की कहानी है कुमाउनी फिल्म



"ज्योति फिल्म एंटरटेनमेंट" की द्वारा बनायीं गयी समाज में ब्याप्त बली प्रथा पर बच्चो के माध्यम से दर्शकों के मन में गहरी चोट करती है। फिल्म गोलू और सोनू के इर्द गिर्द घुमती है। गोलू नाम का बच्चा जो अपनी बखरी सोनू को बहुत प्यार करता है। पर गोलू के पिता सोनू को बलि के लिए किसी अन्य आदमी को बेच देते है। जब गोलू को पता चलता है कि उसकी बखरी को मन्दिर में बलि के लिए बेच दिया है। तो वह और उसका दोस्त मौका देखते ही बखरी को मंदिर से चोरी कर देते है। उसके बाद क्या-क्या घटना क्रम घटित होते है। क्या गोलू सोनू को बचा पायेगा। या बखरी की बलि दी जाएगी। इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

 फिल्म की कहानी दर्शक को बंधे रखती है। बच्चो ने अपनी मसूमियत से फिल्म में चार चाँद लगाये है। यह फिल्म आपके बच्चो को कुमाउनी भाषा सिखाने में भी मददगार साबित हो सकती है। इसलिय आप एक बार फिल्म जरुर देखें।
 

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