उत्तराखंड की बदकिस्मती थी की 20001 में राज्य तो मिल गया पर हिमाचल की तरह डॉ यशवंत परमार जैसा महान तपस्वी राजनेता और दूरदृष्टि मुख्यमंत्री नही मिला।
हिमाचल को पूर्ण राज्य बनाने की कशमकश के बीच डॉ परमार ने दिल्ली और लखनऊ में इस बात की लोबिंग की थी कि आज के उत्तराखंड के पर्वतीय जिलो को हिमाचल के साथ मिलाकर एक बड़ा पर्वतीय राज्य बनाया जाये। लेकिन कांग्रेस के तत्कालीन ताकतवार नेताओं के आगे उनकी कुछ नहीं चली। काश तब ऐसा हो पाता तो उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में भी सुख समृद्धी की रौनक मिलती
उमाकांत लखेड़ा- नवोदय टाइम्स से
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