Friday 16 December 2016

छोड़ा तुम क्या लगाण, #Garhwali Poem By # Pardeep Singh Rawat "Khuded"





   छोड़ा तुम क्या लगाण,
   अपडा  घौरा हाल तुमा क्या बताण।
   अपडू ठाटा अफि क्या लगाण,
   अपड़ा घौरे छवि भ्यार क्यांकू सराण।
    सांगी पर डूट्याल पूर्व्य लग्य छन,
    गौं का नौजवान प्रदेश बस्या छन।
    इख त बस बुढया बच्या छन,
    तेरेह खाणू नजिमाबाद बामुण अया छन।
    इखा बामणु त दिल्ली पूजा पर लग्या छन। ।
    गढ़वाली भाषा की सोशियल मिडिया पर वारयल
    कविता जो आपने भी जरुर शेयर की होगी।
    पत्रकार  लोगबाग देरादून बसग्येन,
     गवें खबर पेपर बटि हर्चीग्येन।
    लैन मा खड़ा हुयां स्यू सरकारा द्वारमा,
    लम्बी-लम्बी गाडी लियेन स्यूं इश्तिहार मा।
    इस लिंक पर देखिये । एक ऐसा गीत जिस सुनकर
   आपको अपने खोये हुए लोग की याद आ जाएगी।
     दिल्ली चंडीगढ़ बम्बे वोळा फोंद्या बणया छन,
     अफु त भाषा बोना नि छन।
     हर कालोनी मा छ्कण्या संस्था बणि छन,
     सालेक मा नाच गणा कनि छन।
     एकता नौ पर बौगा मनि छन।। 

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