Thursday 22 December 2016

मासूमियत से जिद्द


बच्चो की हसीन मासूमियत,
कुछ भी मांगाने पर बिबस कर देती है।
बच्चो की हसीन मासूमियत।।

जिस खिलोने की जिद्द उसने आज पकड़ी है,
वह मेरी पहुँच से कोसो दूर है।
उसका पापा मजबूर है,
पर उसकी मासूमियत भरे शब्दों ने,
मुझे दिलाने पर बिबस कर दिया है।
इस लिंक पर देखिये एक सुंदर गढ़वाली 
खुदेड गीत। आपको अपनों की याद आ जाएगी
मुझे पता है!
पल में उस खिलोने से मन भर जायेगा,
वह उसे तोड़ेगी। कुछ देर बाद छोड़ेगी।
फिर भी उसकी मासूमियत ने।
मुझे खरीदने पर मजबूर कर दिया।।

वह खुश है मेरी ख़ुशी इसमें है,
पर मुझे इस बात का ख्याल रखना है।
उसकी ये मासूमियत को जिद्द में न बदलना है।
क्योंकि जिद्द गलत काम करने पर मजबूर कर देती है,
एक दिन बचपन को बच्चे से दूर कर देती है।
इस लिंक पर सुनिए -किस दौर से गुजर रहा है अपना 
उत्तराखंड सुनिए उत्तराखंडी जाग्रति गीत
तोड़ा सा प्यार से कठोर होना पड़ेगा,
तभी वह सही राह पर चलेगा।
देर होने से पहले मुझे जागना है,
अपनी कसौटी पर उन्हें आंकना होगा।।
बच्चो की हसीन मासूमियत,
कुछ भी मांगाने पर बिबस कर देती है।
बच्चो की हसीन मासूमियत।।



No comments:

Post a Comment

गढ़वाल के राजवंश की भाषा थी गढ़वाली

 गढ़वाल के राजवंश की भाषा थी गढ़वाली        गढ़वाली भाषा का प्रारम्भ कब से हुआ इसके प्रमाण नहीं मिलते हैं। गढ़वाली का बोलचाल या मौखिक रूप तब स...