सोमवार, 17 अक्टूबर 2016

हर कविता कुछ कहती है, और जब कविता गढ़वाली में हो तो उसे सुनने का अहसास दुगना हो जाता है, गढ़वाली कवी की एक हास्य कविता Jay Vishal 'Garhdesi' - Preetey Jhaul Maa आप अपनी हंसी नहीं रोक पाओगे

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