बेच दी है
मातृ भूमि तुमने,
तुम्हे जहनुम भी नसीब
नहीं होगा।
जब दफना रहे
होंगे तुम्हे,
तब
कोई अपना तुम्हारे
करीब नहीं होगा।
कोई अपना ही
बेच दे इस
धरा को,
ऐसा तो तेरे
अपनों का ख्वाब
नहीं होगा।
उनकी आँखों में आँसू
होंगे,
तब
तेरे पास कोई
जवाब नहीं होगा।
प्रदीप सिंह रावत
''खुदेड़''
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