जिन्दगी का उलझ्या धागों ते सुलझाणू
कभी हमतै मौका त द्या ।
बरसू बटि उठायू जू बोझ तुमरु,
वे बोझ हमतै उठाणू मौका त द्या ।
माना कि अभी भी भौत ताकत च तुमरा कांधू मा,
हमतै भी अपड़ा कांधू मा बोझ सकणे की अादत डळो
हमतै भी अपड़ा कांधू मा बोझ सकणे की अादत डळो
मौका त द्या ।
खळबट कैदिन यी दुन्या छौड़ी चलजाण तुमन ।
घड़ेक हमरी समणी बैठी की,
अपड़ा चेहरा पढ़णो मौका त द्या ।
अगर हमरी अंगुळी पकड़ी नि चले सकणा छा तुम ।
पर अपड़ा पैथर हिटणो मौका त द्या ।
तमरि नजरूं दुन्या भौत देख्ल हमुन ।
अब हमतै अपड़ी नजरूं दुन्या देखणो
मौका त द्या।
भौत सुख मा राखी तुमन हमतै ।
अब दुःख मा रैणो मौका त द्या।
संघर्ष का दिनू मा भौत भुखी रया तुम,
अब हमतै भी भुखी रैणो मौका त द्या।
जू अधुरा सुप्न्या तुमरा पूरा नि व्हेन,
वुंतै हमतै पूरा कनो मौका त द्या ।
जू खेल राजनीति कू तुम नि समझी सकणा छा,
वे खेल हमतै खेळणो मौका त द्या ।
नसू मा जू पाणी बणी की दौणू च हमरा,
वे तै हमतै ल्वे बणाणो कू मौका त द्या ।
इस लिंक पर देखिये एक सुंदर गढ़वाली खुदेड गीत। आपको अपनों की याद आ जाएगी
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