Tuesday 23 January 2018

नरेंद्र सिंह नेगी के बाद पौड़ी शहर से अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखंड में चमक बिखेरती प्रमिला चमोली, सवाल जवाब में पढ़िए त्तराखंड की उभरती गायिका प्रमिला चमोली से खास मुलाकात


सवाल - प्रमिला जी मै सबसे सवाल जवाब का सिलसिला शुरू करने से पहले ये जानना चाहता हूँ आप का गाँव कहाँ है यूँ कहे ये मेरा पहला सवाल भी है ?

जवाब -  मेरे सुंदर और रमणीय गाँव का नाम Saknyana है पट्टी बाली कंडारस्यूं जिला पौड़ी गढ़वाल में पड़ता है। पर मेरा जन्म पौड़ी शहर में हुआ है। मैंने अपनी शिक्षा भी पौड़ी से प्राप्त की है। पर मै अपने परिवार के साथ गाँव जाती रहती थी सच बोलू !! तो मै अन्य लोगों की तरह अपने गाँव को बहुत प्यार करती हूँ। गाँव में अपनापन  होता है वहां हर चीज के साथ एक अटूट रिश्ता बना रहता है। चाहे वह पेड़ पौधे जानवर। चौक तिबारी खेत धरा पनेरा इन सब के के बिना जीवन नीरस सा लगता है। 

सवाल -भगवान ने आपको इतनी खुबसूरत आवाज दी है । इस  आवाज में जो इतना निखार है क्या इस निखार के लिए आपने संगीत की शिक्षा ग्रहण की है।अगर संगीत सीखा है कहाँ से सीखा है ?

जवाब - नहीं मैंने संगीत की कोई शिक्षा नहीं ली है बस गीतों को सुनकर ही मैंने गाना शुरू किया और बस गाती चली गयी । हाँ रियाज को मैंने अपने संगीत में प्राथमिकता दी है उसी का कारण है कि मै संगीत के इस सफर में मै यहाँ तक पहुंची हूँ। और आगे भी रियाज और अपनी मेहनत के बल पर आगे का सफर तय करुँगी। अगर दो शब्दों में कहूं तो संगीत मेरे लिए गॉड गिफ्ट है। 
सवाल - आज के समय में जहाँ उत्तराखंड संगीत का बाजार लगभग समाप्त सा हो गया है। फिर भी आपने इस अकाल के दौर में अपने आप को स्थापित किया है इसके बारे में आपका क्या कहना ?

जवाब - नही मैंने खुद को स्थपित नहीं किया। मैंने तो बस गीत गाये है और दर्शकों को वह पसंद आये और मेरा हौंसला बढ़ता चला गया। मुझे खुद पता नहीं चला कि मै उत्तराखंड संगीत में लोग और आप जैसे ब्लॉगर मुझे स्थापित समझने लगे है। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि दर्शकों को मेरी प्रस्तुती पसंद आती है और वह लगातर मुझे सुनते है। 

सवाल - आपके सोशियल मिडिया पर लाखो चाहने वाले है नेगी जी के बाद आप ही जिनके फेसबुक पेज पर इतने लाइक है इस किस रूप में लेती हो आप ?

जवाब - सोशियल मिडिया में जहाँ तक मेरी फ्रेंड फ़ॉलविंग की बात है तो वह मेरे संगीत की वजह से ही बढ़ी है आज मेरे फेस बुक पेज पर नेगी जी के बाद लाखो लाइक है तो उसका कारण ही ये है कि मैंने हमेशा कर्ण प्रिय गीत गए है। जो नव जवानों को पसंद आये कई न कई मै उनके साथ जुड़ने में सफल रही। आज वह मेरे गीतों को सुनते है लाइक करते है शेयर करते है। जिसकी वजह से मेरे गीत बाकी लोगों तक पहुँचते है। ये सब उन सब का बडापन है। मेरी कोशिश होती है मै उनकी अकंक्षाओं पर खरी उतरती रहूँ। 

सवाल - क्या आपको लगता है उत्तराखंड के श्रोता बड़े उदासीन है अच्छे संगीत के प्रति भी उदासीन रहते है ?

मै इस बात को कतई नहीं मानती कि उत्तराखंड के संगीत प्रेमी अच्छे गीतों के प्रति उदासीन है। हाँ अच्छे गीत को प्रसिद्ध होने में थोडा समय लगता है। और जब वह लोगो की जबान पर चढ़ जाते है तो लोग उन गीतों में अपना प्रतिबिम्ब देखने लगते है। उत्तराखंड के श्रोताओं को अच्छे गीतों की परख बहुत अच्छी है। वह जानते है क्या सही है और क्या गलत है। 
सवाल - आप किसे गायक को अपना से प्रेरणा श्रोत मानती हो ?

जवाब - मै अपनी गायिका प्रेरणा स्रोत गढ़ रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी जी को मानती हूँ। मै बचपन से ही उनके गीत सुनते आ रही हूँ। नेगी जी के अलावा मीना राणा जी को भी प्रेरणा के रूप में लेती हूँ। जब इन दोनों लोगो को सुनती हूँ तो मुझे बहुत सकून मिलता है। 

सवाल - उत्तराखंडी संगीत का भबिष्य क्या है आज के दौर में

जवाब - उत्तराखंडी संगीत का भविष्य बहुत उज्जवल है। और ये और ज्यादा उज्ज्वल हो सकता है अगर लोगों का किसी भी रूप में सपोर्ट  हो। हमारे पहाड़ो के संगीत में बहुत ही खूबसूरत बीट्स होती है। मौसम और धुप के संगीत अपना स्वर बदलता है। सुबह की बेला में कुछ और होता है तो धूप खिलते ही कुछ और हो जाता है दिन चढ़ते ही पहाड़ो में लोकसंगीत और भी कर्णप्रिय होता जाता है। वैसे तो हमारा संगीत दुनिया के कोने कोने में पहुँच चूका है पर अभी भी उस तरह नही सुनाई देता है जैसे अन्य राज्यों का संगीत है। पर मुझे पूरा विश्वाश है अगर सभी लोग चाहे वह उत्तराखंड में हो या देश बिदेश में सपोर्ट करें गायकों को तो हमारा संगीत नाद पूरे विश्व में बिख्यात हो सकता है। क्योंकि हमारे पहाड़ों के संगीत में एक अलग तरह का मजा है हर कोई झुमने लगता है। 

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