खतरे की घंटी है, वही पूरे विश्व में भोजपुरी एक ऐसी भाषा है जो बड़ी तेजी से बढ़ रही है, भारत के समुद्र तट पर जहाँ पहले एक सौ अस्सी भाषाएँ बोली जाती थी अब केवल दो या तीन ही भाषाएँ वजूद में है , एक भाषा का समाप्त होना मतलब एक संस्कृति का समाप्त होना,पलायन के कारण ज्यादातर भाषाएँ समाप्ति की कगार पर खड़ी है,
Saturday 5 August 2017
क्या उत्तराखंड की भाषाएँ लुप्त हो जाएँगी
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गढ़वाल के राजवंश की भाषा थी गढ़वाली
गढ़वाल के राजवंश की भाषा थी गढ़वाली गढ़वाली भाषा का प्रारम्भ कब से हुआ इसके प्रमाण नहीं मिलते हैं। गढ़वाली का बोलचाल या मौखिक रूप तब स...
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