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फोटो मयंक डोभाल |
गर प्रकृति को निहारना है तो,
चले आना मेरे पहाड़ |
गर प्रकृति को बिचरना है तो,
चले आना मेरे पहाड़ |
कुछ कायेद, कुछ कानून के साथ,
मौन होकर
चले आना मेरे पहाड़,
बिना नशा किये हुए,
क्योंकि यहाँ आने के बाद,
खूबसूरत नज़रों का नशा तुम पर छा जाएगा |
गर प्रकृति के साथ जीना है तो,
चले आना मेरे पहाड़ |
गर शुद्ध जल पीना है तो
चले आना मेरे पहाड़ |
शहर की तपिश को छोड़कर,
सारे काम क्रोध से मुहं मोड़कर |
चले आना मेरे पहाड़ |
गर प्रकृति को निहारना है तो,
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