Tuesday 16 August 2016

अब की राखी में मेरे भैया!














अब की राखी में मेरे भैया!
उत्तराखंड को अपनी बहन बना लेना,
अपनी बहना को बस एक ही तोहफा देना।

आजा घर लौटकर मुझे उजाड़ने से बचा ले,
मानव विहीन हो रही हूँ मैं!
मेरे आँगन में फिर किलकारियाँ गुंजाले।
बंजर हो गये है खेत खालियान मेंरे,
इन्हे फिर फसलों से सजा ले।
अब की राखी में मेरे भैया!
उत्तराखंड को अपनी बहन बना लेना,
अपनी बहना को बस एक ही तोहफा देना।
इस लिंक पर देखिये नरेंद्र सिंह नेगी जी
नया गीत जो जल्द आपके बीच आने वाला है
आजा भैया मेरे इन खेतों में हल चला ले,
आकर फिर गाँव में फिर चैपाल सजा ले।
खाली हो गयी है गाँव की स्कूल,
आकर अपने बच्चों को इसमें पढ़ा ले,
टूट चुके है घर तेरे आकर इन्हे बना ले।
अब की राखी में मेरे भैया!
उत्तराखंड को अपनी बहन बना लेना,
अपनी बहना को बस एक ही तोहफा देना।
इस लिंक पर देखिये फ्युलोडिया ओर्जिनल गीत
बहुत दिनों से पूजा नही की है तुमने,
आकर इष्ट देव की पूजा थाल सजा लेना।
नेताओं ने लुट डाला है मुझे !
इन्हे सत्ता से हटा लेना,
सो रहे है जो लोग उन्हे आकर जगा देना,
अब की राखी में मेरे भैया!
उत्तराखंड को अपनी बहन बना लेना।
अपनी बहना को बस एक ही तोहफा देना

तेरी बहना अस्पताल में स्वीली पीड़ा से मर रही है,
इस अस्पताल में डाक्टर बुला लेना।
गलत राह में निकल पड़े है जो बच्चे मेंरे,
आकर उनके बचपन को लौटा देना।
कहीं दूर न निकल जायें वह,
आकर उन्हें सही राह पर लौटा देना।
अब की राखी में मेरे भैया!
उत्तराखंड को अपनी बहन बना लेना।
अपनी बहना को बस एक ही तोहफा देना
इस लिंक पर देखिये गढ़वाली कविता कब
 तकै लुट्दा तुम ये पाड़ तै
यही मेरी राखी का सच्चा उपहार होगा,
यही भैया का अपनी बहन के लिए सच्चा प्यार होगा ।।

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