Wednesday 10 January 2018

उत्तराखंड एकता मंच द्वारा लगाए बृक्ष पर लगने लगे फल


दिल्ली में रहे रहे लाखों उत्तराखंड़ियों तक पहुँच चुका है उत्तरैणी महोत्सव का पर्व। दिल्ली में उत्तराखंड के लोगों जिन जिन क्षेत्र में बड़ी तादाद में रहते है। उन क्षेत्रो में उत्तरैणी महोत्सव का आयोजन बड़े स्थर पर हो रहा है। जिसमे से 95 प्रतिशत जगह पर दिल्ली सरकार आर्थिक तौर पर मदद दे रही है वही कई जगह छोटे स्तर पर ही सही पर अपने संसाधनों से इस उत्सव को मना रहे है। दिल्ली में निवास कर रहे लाखों की संख्या में पहाड़ के लोगो को कई न कई ये महसूस हो रहा था कि वह अपने त्यौहार के प्रति बहुत उदासीन है। जिस कारण सांस्कृतिक तौर पर वह राष्टीय स्तर पर अपनी पहचान नहीं बना पा रहे है । और वह अपने बच्चो को संस्कृति का यह रंग नही दे पा रहे थे। अब लोगों में अपने त्यौहारों के प्रति जागरूकता का संचार हुआ है उससे यह तो सुनिश्चित हुआ है अगर हमे कोई एक डोर एक सही राह पर ले जाए तो हम सब सकारत्मक सोचकर अपने संस्कृति भाषा और सभ्यता को अलग स्थर देने का जूनून रखते है। जिस प्रकार से संस्थाएं घर घर जाकर लोगो को इस त्यौहार में जोड़ रही है वह काबिले तारीफ है। और साथ में पहाड़ के उन लोगों को भी सम्मनित क्या जा रहा है जो पहाड़ के गाँव में रहकर जमीनी स्थर पर काम कर रहे है। 
जिस बीज को उत्तराखंड एकता मंच दिल्ली ने बोया था आज वह बृक्ष के रूप में खड़ा हो चूका है और अब उस में फल लगने शुरू हो चुके है जिन फलों का आनंद आने वाली पीढ़ी उठाने को तत्पर है। हलांकि इस पर्व को दिल्ली सरकार ने अपना समर्थन देकर इसे सरकारी स्तर पर पहचान दी है। पर अभी भी दिल्ली सरकार से उत्तरैणी के लिए अलग से फंड देने की और उत्तराखंड भाषा अकादमी मांग इस उत्तरैणी में सभी संस्थाएं रख रही है।
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