Wednesday 23 November 2016

माँजी म्येरि माँजी Garhwali Poem By Pardeep Rawat Khuded


ममता तेरि ममता,
गंगा सी छाई ममता त्येरि ममता। 
दूध सी दुधाई ममता त्येरि ममता
माँजी म्येरि माँजी
ममता त्येरि ममता
इस लिंक पर देखिये। जगा रे उत्तराखंडवास्यूं जगा रे जाग्रति गीत क्या हलात हो गयी है रमणीय प्रदेश की जरुर सुने।
गीलामा अफू से होलि सूखामा में सिवाई
अफू भूखी रै होलि अपडू बाँठू में खिलाई
माँजी म्येरि माँजी
ममता त्येरि ममता
हिवू सी ह्विई ममता त्येरि ममता
जून सी जून्याई ममता त्येरि ममता
गढ़वाली भाषा की सोशियल मिडिया पर वारयल कविता जो आपने भी जरुर शेयर की होगी।
हाथ पकड़ी कि तिन मेतै बाठू बताई
अन्धेरा मन म्येरा तिन ज्ञान कू ऊज्यवु काई
माँजी म्येरि माँजी
ममता त्येरि ममता
सूर्या सी चिटी ममता त्येरि ममता
सैद सी मिठी ममता त्येरि ममता
इस लिंक पर देखिये । एक ऐसा गीत जिस सुनकर आपको अपने खोये हुए लोग की याद आ जाएगी।
म्येरा होणमा जौं आँख्यू मा खुशी छै वु आंसून चुणीन
टूट गेन सब सुप्नया जू तिन मेरा होणमा बुणीन
माँजी म्येरि माँजी
ममता त्येरि ममता
रंग सी रंगीली ममता त्येरि ममता
फूलू सी चमकीलि ममता त्येरि ममता
इस लिंक पर देखिये - गढ़वाली सुपरहिट फिल्म भाग-जोग
आज मि जख भी तेरू ही आर्सीबाद चा
खैरी का आँसू कू दियू मेरू यू कनू प्रसादचा
माँजी म्येरि माँजी
ममता त्येरि ममता
हल्दी सी पूज्या ममता त्येरि ममता
निच क्वी दूजा ममता त्येरि ममता

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