कितलु छिपाड़ू बण्यू च, छिपाड़ो बण्यू च गुरवो
मुसू बाघ बण्यूच वे देखी की डरणूच बिरौवो
डोंर पर लांकूण पोड़ी निच देवता पहली नाच जाणूचा
धामी बाक्यो की पोड़ी बार घीवु की कटोरी मुछू परे लगे की खाणुचा
नौछामी नारायणन खोल देन लोखु का आंखा
नेगी जी देखी की गुस्सामा पम्म बण्यान नेता फूल गेन वुंका सांका
सतु पर किड़ा पोड़या छन चौवु पर लग्यान घुण
मकमोन्या भात खायेणुचा, छोरोन बिमार नत और क्या होणु
ब्यौ बरत्यु मा पंक्त हरचीगे स्टेन्डर खाणो कू चढयू च शौक
घमा घम परोंसा जाणा छन खाली पोड़यान चौक
कफल भी दुकान्यू मा बिकणान बुरांसे की लगीच बोली
पैसा मिलदन जख फुल वुखी दौई छन फ्ल्योडयू की टोली
दारू घी की किमत बराबर चा
लौखुतै अन्तर कन होणुच मुसकिल
गै घी लेणु छा दुकानमा
दारू बिगर नि मानी दिल
उल्टू जमनु इन आयूच
धाम मा पसीना सुखाणा छन
बस्गैयाल का मैना तड़तड़ी बरखा मा
भ्यार आग जगाणा छन
हयया भै मुण्डा मा बैठयूचा
बल्द लगाण छन अफि हौव
दारू पे की तै,ै पर ज्यान नि रईच
काका बैठायूच तैकू जौवु
कटगड़ पुगड़ा मा तैका दांत बजणन
निसुड़ामा नि लगणू च जोर
बल्द की एैई च माजा
खिचणान छन वेतै ओर पोर
ब्यौ बरेत्यू मा जै जैकी
सरी रात उणदू रै रैकी
कैमरा वोवु सिखीग्या पूजा पाठ
बमण फासोरी की सीयूचा
कैमरा वोवु फेरा फेराणुच आठ
ब्यौला से पहली स्यू ब्यौल्यू घुघट उठे देणुचा
अलग अलग पोज खिचणा न्यौडा परे वीकी हथी जप कै देणुचा
जु कुत्ता बिरोवा रैणु तै डुण्डदा छा ओबरू
वुंकी पोड़ी च अब बार
मनखी परदेश मा छन एखुली छोडयान वुखा घार
मुसा भितर नरर्सिग नचणा छन
ओबरा कुत्ता हगणा छन
चिपड़ा मना छन किलकताई धुरपोवामा
छोरा मुतणा छन भ्यार उरखोवा मा
मर्दू पर जिगर नि रयूचा
कजेणी छोटी छोटी बातू मा धमकी देणी रान्दी
जरा वींकू तै कुछ बोला वा सीध ढान्डी फाव मनु जान्दी
फाव मन से पहली छत्तीश बाना बणादन रंड
यी जी वी डांढी तै रौडन गरम कैरा मेंतै लगणीचा ठंड
Garhwali Poem Garwali kavita Garhwali Poem Garwali kavita Garhwali Poem Garwali kavita Garhwali Poem Garwali kavita Garhwali Poem Garwali kavita Garhwali Poem Garwali kavita
No comments:
Post a Comment